Love Shayari Hindi download 2019

Lave & sad Shayari Hindi 

You may well appreciate how dull this life would be without romance. This romance could be for anything Lpm Shayari the images of nature or those aspects related to human relationships. Life confronts us with its stark realities and we seek our redemption through a romance with various objects of life. Here you have different facets of romance drawn from diverse manifestations of life. mi Shayari Lpm



हम तेरी गली के फ़कीर भी बने ,
तेरे एक दीदार ख़ातिर ….

कुछ लोग पसंद करने लगे हैं
अल्फ़ाज़ मेरे  . . .
मतलब मोहब्बत में बरबाद ,
और भी हुए हैं  . . . 

जीने के लिए मुझे एक सपना दे दो ,
हक्कीकत मेरी जान लिए जा रही है। ….


दर्द दो तरह के होते है ,
एक वो जो आपको तकलीफ देता है 
दूसरा वो जो आपको बदल देता है 

मुझको दंड लेती है रोज़ 
एक नए बहाने से तेरी याद ,
वाकिफ हो गयी है मेरे हर ठिकाने से ,

किसी को खो कर भी उसे हो चाहते रहना ,
इसे सच्चा प्यार कहते है ,


रिश्ता बचाने के लिए झुकना पड़े तो झुक जाओ,
लेकिन हर बार तुम्हे ही झुकना पड़े तो रुक जाओ


किसी का दिल दुखाने के बाद बेहतर होगा की ,
तुम भी अपनी बारी का इंतज़ार करो ,

काश अपना दिल बस में होता ,
ना किसी की याद आती ये दिल रोता ,

Mohbbat Nahi Thi To Bata Diya Hota ,
Tere Is Time Pass Ne Meri Jindgi Barbaad Kar Di….

मोहब्बत नहीं थी तो बता दिया होता
तेरे इस Time Pass ने मेरी जिंदगी बर्बाद  करके रख दी ,

काश तुझे मेरी ज़रूरत हो मेरी तरह ,
और मैं तुझे नज़र अंदाज़ कर दू तेरी तरह ,

जिंदगी में ऐसा इंसान का होना बहुत ज़रूरी है,
जिसका दिल का हाल बताने के लिए लफ़्ज़ों की ज़रूरत ना पड़े “



यू चेहरे पर उदासी ना ओढ़िये साहब ,
वक़्त जरूर तकलीफ का है ,
लेकिन कटेगा मुस्कराने से ही ,

कुछ कह गए , कुछ सह गए 
कुछ कहते कहते रह गए ,
मैं सही तू गलत के खेल में ना जाने कितने रिश्ते ख़त्म हो गए 

बदलते इंसानो की बात हमसे पूछो ,
हमने अपने हमदर्द को हमारा दर्द बनते देखा है 

टूट जायेगी तुम्हारी जिद्द की आदत उस दिन ,
जब पता चलेगा की याद करने वाला 
अब याद बन गया है….

टूट जायेगी तुम्हारी जिद्द की आदत उस दिन ,
जब पता चलेगा की याद करने वाला 
अब याद बन गया है….

आइना भी भला कब किसको सच बता पाया है
जब देखा दायाँ तो
बायाँ ही नज़र आया है

आइना भी भला कब किसको सच बता पाया है
जब देखा दायाँ तो
बायाँ ही नज़र आया है

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