Love shayri and sad Shayari & wallpaper
उदास कर देती है हर रोज ये शाम मुझे
लगता है तू भूल रहा है मुझे धीरे धीरे
लगता है तू भूल रहा है मुझे धीरे धीरे
उसकी बाहों में सोने का
अभी तक शौक है मुझको,
मोहब्बत में उजड़ कर भी
मेरी आदत नहीं बदली।
अभी तक शौक है मुझको,
मोहब्बत में उजड़ कर भी
मेरी आदत नहीं बदली।
तरस आता है मुझे अपनी मासूम सी पलकों पर,
जब भीग कर कहती हैं कि अब रोया नहीं जाता।
जब भीग कर कहती हैं कि अब रोया नहीं जाता।
जब तुम साथ थे तो सबकुछ साथ था मेरे,
बाद तेरे तो हम खुद के भी ना हो पाए।
बाद तेरे तो हम खुद के भी ना हो पाए।
मोहब्बत करके देखा तो मोहब्बत को पहचाना
वफ़ा बस नाम की है बेवफाई का जमाना है
वफ़ा बस नाम की है बेवफाई का जमाना है
बहुत रोती हैं ये आंखें
ये दिल भी रोता है मेरा न बाकी कुछ रहा मुझमें न बिगड़ा कुछ सनम तेरा। |
तड़पने का सलीका जिसे आता हो
इश्क़ करने का हक़ सिर्फ उसी को है… |
जाने दुनिया में ऐसा क्यों होता है,
जो सबको खुशी दे वही क्यों रोता है, उम्र भर जो साथ न दे सके, वही ज़िन्दगी का पहला प्यार क्यों होता है |
दर्द है दिल में पर इसका एहसास नहीं होता,
रोता है दिल जब वो पास नहीं होता, बर्बाद हो गए हम उसके प्यार में, और वो कहते हैं इस तरह प्यार नहीं होता। |
तुझे भूलकर भी न भूल पायेगें हम,
बस यही एक वादा निभा पायेगें हम, मिटा देंगे खुद को भी जहाँ से लेकिन, तेरा नाम दिल से न मिटा पायेगें हम.. |
सारे रिश्ते वो मुझ से तोड़ गई,
हासिल कर के भी मुझे छोड़ गई, मेने तो दिल दिया था अपना उसके हाथों में, और वो शीशा समझ के तोड़ गई.. |
ज़ख्म इतने गहरे है इज़हार क्या करे
हम खुद निशाना बन गए वार क्या करे मर गए हम मगर खुली रही यर आँखे अब इससे ज्यादा उसका इन्तजार क्या करे |
किसी की याद दिल में आज भी है , भूल गए वो , मगर प्यार आज भी है , |
हम खुश रहने का दावा तो करते है मगर ,
उनकी याद में बहते आँसू आज भी है। |
हर लम्हा तेरी यादो का पैगाम दे रहा है
अब तो तेरा इश्क मेरी जान ले रहा है..!! |
महफील भले ही प्यार करने वालो की हो,
उसमे रौनक तो दिल टुटा हुआ शायर ही लाता है। |
अपनी हालत का
खुद एहसास नहीं है मुझको
मैंने औरो से सुना है की परेशान हु मैं |
अब मेरा हाल चाल नहीं पूछते हो तो क्या हुआ,
कल एक एक से पूछोगे की उसे हुआ क्या था |
मत पूछो
ये इश्क़ कैसा होता है
बस जो रुलाते हैं उसी को गले लगा कर रोने को जी चाहता है |
जानते हो मोहबत किसको कहते हैं
किसी को सोचना और फिर रो देना … |
वो मेरा था ये ग़लतफहमी थी मुझको
मगर ये सच है मैं सिर्फ उसी की थी |
हमने सोचा था की बताएंगे सब दुःख दर्द तुमको
पर तुमने तो इतना भी न पूछा की खामोश क्यों हो |
तुमने मेरी
तड़प तो देख ली अब सबर भी देखलो
इतना खामोश रहूंगा की तुम तड़प उठोगी |
तेरी नाराजगी वाजिब है दोस्त
मैं भी खुद से खुश नहीं आजकल
हमारी कद्र उनको होगी तन्हाईयो में एक दिन,
अभी तो बहुत लोग हैं उनके पास दिल्लगी करने को |
अकेले रहने का भी एक अलग सूकून है
ना किसी की वापस आने की उम्मीद ना किसी के छोड़ कर जाने का डर |
आईना उसका
उस से छीन लाया हु मै
खुद को ही नज़ारे लगती रहती है देख देख कर |
काश तू
लौट आये और कह दे
बस बहुत हो गया अब नहीं रहा जाता तेरे बिना |
तेरे न होने से …
ज़िन्दगी में बस इतनी सी कमी रहती है , मैं चाहे लाख मुस्कुराऊं … इन आँखों में नमी रहती है… |
कल खुद को आईने में देखा तो एहसास हुआ इंसान कितना बदल जाता है दिल टूटने के बाद
|
अफ़सोस तो है तुम्हारे बदल जाने का मगर…
तुम्हारी कुछ बातों ने मुझे जीना सिखा दिया । |
उसकी बाहों में सोने का
अभी तक शौक है मुझको,
मोहब्बत में उजड़ कर भी मेरी आदत नहीं बदली। |
उनके गम में मेरी आँखें नम हो जाती हैं
लेकिन फिर भी होटों पे हंसी लानी पड़ती है मोहब्बत तो हमने बस एक से की थी लेकिन ये मोहब्बत जमाने से छुपानी पड़ती है |
जब तुम साथ थे तो सबकुछ साथ था मेरे,
बाद तेरे तो हम खुद के भी ना हो पाए। |
मेरी तरह सितारों से कहा उसने भी कुछ होगा
अकेला मैं नहीं रोता सहा उसने भी कुछ होगा। |
Comments
Post a Comment