Maa Chandra Ghanta Navratri 2019 Navratri third day is dedicated to Maa

Maa Chandra Ghanta  Navratri 2019 Navratri                  third day is dedicated to Maa

हिंदू पंचांग के अनुसार 29 सितंबर से नवरात्रि के व्रत शुरू हो चुके हैं।नवरात्रि के प्रथम दिन दुर्गा मां के शैलपुत्री अवतार, और उस दिन मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना की गई। वही अब शैलपुत्री और ब्रह्मचारिणी की पूजा के बाद आज तीसरे दिन मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप चंद्रघंटा देवी की पूजा अर्चना की जा रही है। कहा जाता है कि इन देवी का स्वरूप बेहद ही निराला होता है। इनके माथे पर घंटे के आकार का आधा चांद बना है, यही कारण है कि इन्हे चंद्रघंटा कहा जाता है। मां चंद्रघंटा का रूप सोने की तरह चमकीला है तो इन देवी के 10 हाथ होते हैं जिनमें माता अस्त्र-शस्त्र धारण किए हुए हैं। नवरात्र के दिनों में लोग इस पर्व की शुभकामनाएं देते हैं। आज मां के तीसरे स्वरूप देवी चंद्रघंटा की पूजा का दिन है लिहाज़ा हम आपके लिए मां की कुछ सुंदर इमेजेस लेकर आए हैं जिन्हे आप अपनों के साथ साझा कर सकते है।



हिंदू पंचांग के अनुसार 29 सितंबर से नवरात्रि के व्रत शुरू हो चुके हैं। सनातन धर्म में बताए गए मां के सभी 9 स्वरूपों का एक खास महत्व है। नवरात्रि के प्रथम दिन दुर्गा मां के शैलपुत्री अवतार, दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी माता तो तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना की जाती है। मंगलवार, 1 अक्टूबर को माता के भक्त मां के तीसरे स्वरूप चंद्रघंटा का पूजन करेंगे। ऐसे में मां को प्रसन्न करने के लिए इस विधि से करें मां चंद्रघंटा की पूजा।   

देवी चंद्रघंटा का स्वरूप-
नवरात्रि के तीसरे दिन देवी के तीसरे स्वरूप चंद्रघंटा का पूजन किया जाता है। देवी चंद्रघंटा के सिर पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र नजर आता है। यही वजह है कि माता के भक्त उन्हें चंद्रघंटा कहकर बुलाते हैं। देवी चंद्रघंटा का वाहन सिंह होता है। मां की 10 भुजाएं, 3 आंखें, 8 हाथों में खड्ग, बाण आदि अस्त्र-शस्त्र हैं। इसके अलावा देवी मां अपने दो हाथों से अपने भक्तों को आशीष देती हैं।

नवरात्रि के तीसरे दिन का महत्व-

यदि आपके मन में किसी तरह का कोई भय बना रहता है तो आप मां के तीसरे स्वरूप चंद्रघंटा का पूजन करें। नवरात्रि का तीसरा दिन भय से मुक्ति और अपार साहस प्राप्त करने का होता है। मां के चंद्रघंटा स्वरुप की मुद्रा युद्ध मुद्रा है। ज्योतिष शास्त्र में मां चंद्रघंटा का संबंध मंगल ग्रह से माना जाता है।

ऐसे करें मां चंद्रघंटा की पूजा-
मां चंद्रघंटा की पूजा करने से मन के साथ घर में भी शांति आती है और व्यक्ति के परिवार का कल्याण होता है। मां की पूजा करते समय उनको लाल फूल अर्पित करें। इसके साथ मां को लाल सेब और गुड़ भी चढाएं। शत्रुओं पर विजय पाने के लिए मां की पूजा करते समय घंटा बजाकर उनकी पूजा करें।इस दिन गाय के दूध का प्रसाद चढ़ाने से बड़े से बड़े दुख से मुक्ति मिल जाती है।

मां की उपासना का मंत्र-
पिण्डजप्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकेर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता॥

भोग-
मां चंद्रघंटा के भोग में गाय के दूध से बने व्‍यंजनों का प्रयोग किया जाना चाहिए। मां को लाल सेब और गुड़ का भोग लगाएं।

नवरात्रि व्रत के नियम-
नवरात्रि के व्रत में इन नियमों का पालन जरूर करना चाहिए।
- नवरात्रि के 9 दिनों तक पूरी श्रद्धा भक्ति से मां की पूजा करें।
- नवरात्रि के दौरान भोजन नहीं करना चाहिए। व्रती दिन के समय फल और दूध का सेवन कर सकता है।
- शाम के समय मां की आरती करके परिवार के लोगों को प्रसाद बांटकर खुद भी प्रसाद ग्रहण करें।
- नवरात्रि के दौरान भोजन ग्रहण न करें सिर्फ फलाहार ग्रहण करें।
- अष्‍टमी या नवमी के दिन नौ कन्‍याओं को भोजन करवाकर उन्‍हें उपहार और दक्षिणा दें।
- अगर संभव हो तो हवन के साथ नवमी के दिन व्रत का पारण करें।