Motivational Diwali Poem
Motivational Diwali Poem |
मन में छुपे अंधेरों को, खिलते रहो तुम सारी उम्र
रौशनी की रात आई है, खुशियों की सौगात लाई है
देखो आज ज़मीन पर यूँ, सितारों की बारात आई है
दिवाली के पटाखों की तरह, दर्द के छाले फोड़ दो
हो बुराई जितनी भी मन में, आज तुम सब छोड़ दो
आओ बनाएं एक नया जहां, ना रहे कोई मजबूर जहाँ
जगमगाते रहे यूँही हम सब, दुखों का हो फिर दूर जहां
दीपावली के मौके पर, स्वच्छता की शपथ ले हम
अपने प्यारे भारतवर्ष में, एकता की शपथ ले हम