Ram Poetry in Hindi and kavita poems lpm

                                        Pushpendra LPM
                                     भगवान राम पर कविता
                             Hindi Poem Lord Ram Kavita
भगवान राम पर कविता –
 (Lord Ram Poetry in Hindi)- यह हिन्दी Kavita भगवान् राम की शौर्य गाथा का बखान करती है। यह राम के नैतिक चरित्र को दर्शाते हुए उनका यशोगान है। तो एन्जॉय करें और साथ ही शेयर करना ना भूले।


अगर ककैयी ने दशरथ से वचन मांगे न होते।
तो राम को चौदह वर्ष का वनवास न होता।।

अगर रावण ने विभीषण को भगाया न होता।
तो रावण के कुल का इतना विनाश न होता।।

अगर लक्ष्मण राम का सदा साथ न देता।
सोने की लंका का इतना विनाश न होता।।

अगर नल नील जैसे इंजीनियर न होते।
तो रामेश्वरम से लंका तक पुल न होता।।

अगर नल नील जैसे इंजीनियर न होते।
तो रामेश्वरम से लंका तक पुल न होता।।

अगर बाली ने भाई की पत्नी रखी न होती ।
तो बाली और सुग्रीव को कभी युद्ध न होता ।।

                                         Pushpendra LPM

मुश्किलें जरुर है, मगर ठहरा नही हूं मैं

मंज़िल से जरा कह दो, अभी पहुंचा नही हूं मैं

कदमो को बांध न पाएंगी, मुसीबत कि जंजीरें,

रास्तों से जरा कह दो, अभी भटका नही हूं मैं

सब्र का बांध टूटेगा, तो फ़ना कर के रख दूंगा,

दुश्मन से जरा कह दो, अभी गरजा नही हूं मैं

दिल में छुपा के रखी है, लड़कपन कि चाहतें,

मोहब्बत से जरा कह दो, अभी बदला नही हूं मैं

साथ चलता है, दुआओ का काफिला

किस्मत से जरा कह दो, अभी तनहा नही हूं मैं.